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26 OCT 2016 CURRENT AFFAIRS

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                  26 OCT 2016 current affairs


1. अब हर सत्र में वैश्विक विकास लक्ष्य पर चर्चा*:- लोकसभा अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने ब्रिक्स देशों में वैश्विक सतत विकास लक्ष्य हासिल करने के लिए इन देशों के संसदीय फोरम की बैठक हर साल बुलाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन में सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय संसाधन और दूसरी प्रौद्योगिकी से जुड़ी है। इसका रास्ता निकालने के लिए कारपोरेट जगत को इस लक्ष्य में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब वह लोकसभा में हर सत्र में सतत वैश्विक विकास लक्ष्य पर चर्चा सुनिश्चित कराने की पहल कर रही हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने जेनेवा में ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विकासशील देशों की अगली चुनौती समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और लोक सेवाएं प्रभावी ढंग से प्रदान करना है। ऐसे में खामियों को दूर करते हुए सभी वगोर्ं को लाभान्वित करने के लिए नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना होगा। महाजन ने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, शिक्षा, साफ-सफाई, सार्वजनिक परिवहन, आवास और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने पर फोकस की जरूरत है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन चुनौतियों को दूर करने के लिए ब्रिक्स देशों की संसद और सांसदों को लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठकें नियमित रूप से होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञान एक साझी विरासत है और इसे बौद्धिक संपदा अधिकारों के रूप में छिपाकर नहीं रखा जाना चाहिए। सम्मेलन के दौरान महाजन ने लोक कल्याण व नागरिकों को न्याय की दिशा में भारत की संसद से पारित कई कानूनों का जिक्र करते हुए इससे होने वाले बदलावों को भी रेखांकित किया।
2. फौजियों के लिए आसान होगी मतदान प्रक्रिया*:- केंद्र सरकार ने सैन्य बलों के कर्मियों को बड़ा तोहफा देते हुए उनके लिए चुनाव में मतदान की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है। अब पोस्टल मतदान के तरीके में बदलाव करते हुए इसे इंटरनेट के जरिये मतदाता तक पहुंचाया जाएगा। मतदाता इस पर अपना मत अंकित करने के बाद इसे पहले की तरह वापस डाक से ही भेजेगा।
कानून मंत्रलय ने चुनाव आयोग से मशविरे के बाद यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार के मुताबिक इस संबंध में बीते शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। चुनाव आयोजित करने के नियमों में बदलाव करते हुए अपने मूल निवास से दूर रहने वाले सैन्य बलों और दूसरी केंद्रीय सेवाओं के लोगों को यह सुविधा दी गई है। इस व्यवस्था के तहत ऐसे वोटरों को इंटरनेट के जरिये सादा पोस्टल बैलेट भेज दिया जाएगा। अभी यह मतपत्र डाक से ही जाता है और वापस भी डाक से ही आता है। नई व्यवस्था से खास तौर पर दूरदराज के इलाकों में तैनात सैन्यकर्मियों को काफी लाभ होगा, क्योंकि वे मौजूदा व्यवस्था में लगने वाले लंबे समय से परेशान होते थे। केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद फौज और दूसरी सेवाओं के लोगों को होने वाली इस समस्या पर खास तौर पर ध्यान दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे नीला गोखले बनाम केंद्र सरकार के मामले में भी केंद्र सरकार ने कहा है कि फौज और उनके परिवार के लोगों को आसानी से वोट डालने की प्रभावी प्रक्रिया शुरू की जानी जरूरी है। ऐसे लोगों को मतदान में होने वाली समस्या को दूर करने के इरादे से केंद्र सरकार ने चुनाव से भी संपर्क किया।

3. जीएसटीएन पर रजिस्ट्रेशन 8 से:-* उत्पाद शुल्क के अलावा सेवा कर तथा वैट के तहत आने वाले करीब 80 लाख करदाता आगामी आठ नवम्बर से वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल पर स्थानांतरित होना शुरू होंगे। जीएसटीएन के मुख्य कार्यकारी प्रकाश कुमार ने सोमवार को यह जानकारी दी।पीएचडीसीसीआई द्वारा विज्ञप्ति में कुमार के हवाले से कहा गया है, ‘‘आठ नवंबर से हम नामांकन जारी करेंगे। इसका मतलब है कि 80 लाख करदाता हमारी पण्राली पर आएंगे।’ जीएसटीएन, जीएसटी के क्रि यान्वयन के लिए एक समान और साझा आईटी ढांचा उपलब्ध कराएगा। यह अपने तहत उत्पाद, मूल्यवर्धित कर (वैट), सीमा शुल्क तथा सेवा कर के दायरे में आने वाले 80 लाख करदाताओं को स्थानांतरित करेगा।’ कुमार ने कहा कि इनका ब्योरा जीएसटीएन प्लेटफार्म पर स्थानांतरित होने से विसंगतियां दूर होंगी और उद्योग एक अप्रैल, 2017 से जीएसटी के क्रि यान्वयन के लिए तैयार होगा।कुमार ने कहा, ‘‘इस कदम से अगले साल एक अप्रैल से कारोबार बिना किसी अड़चन के लिए किया जा सकेगा। जीएसटी को भी इसी तारीख से लागू करने का प्रस्ताव है।’ बिना लाभ के काम करने वाली इकाई जीएसटीएन की स्थापना मार्च, 2013 में की गई थी। इसका गठन मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकारों, करदाताओं तथा अन्य अंशधारकों को आईटी ढांचा और सेवाएं उपलब्ध कराने को किया गया है। इसे दक्ष तथा अनुकूल जीएसटी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए अन्य एजेंसियों के साथ भागीदारी की अनुमति है। कुमार ने कहा कि आगामी दिनों में जीएसटीएन केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) से आयात आधारित आंकड़े हासिल करेगा। यह आयात पर जीएसटी (आईजीएसटी) लगाने की दृष्टि से काफी उपयोगी होगा।
4.कंपनियों के सीएसआर खर्च में 28 फीसद का इजाफा* :- नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध 920 कंपनियों का 2015-16 में कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर खर्च 28 प्रतिशत बढ़कर 8,345 करोड़ रपए पर पहुंच गया। एक रिपोर्ट में इसमें अधिक से अधिक राशि शिक्षा और स्वास्य पर खर्च की गई है।प्राइम डाटाबेस की रिपोर्ट के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में कंपनियों का प्रधानमंत्री राहत कोष में योगदान 418 प्रतिशत बढ़कर 701 करोड़ रपए पर पहुंच गया, जो 2014-15 में 168 करोड़ रपए था। सीएसआर कानून अप्रैल, 2014 में लागू हुआ था। इसके तहत कंपनियां को अपने शुद्ध लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है।कंपनी कानून के अनुसार 500 करोड़ रपए या अधिक के नेटवर्थ, 1,000 करोड़ रपए या अधिक की आय या फिर 5 करोड़ रपए या इससे अधिक का शुद्ध लाभ कमाने वाली कंपनियों को अपने पिछले तीन साल के औसत लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर पर खर्च करना अनिवार्य है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसई में सूचीबद्ध 920 कंपनियों ने 2015-16 में सीएसआर पर कुल 8,345 करोड़ रपए खर्च किए। इससे पिछले वित्त वर्ष में 895 कंपनियों ने सीएसआर गतिविधियों पर 6,526 करोड़ रपए की राशि खर्च की थी।रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान सबसे अधिक 2,042 करोड़ रपए की राशि शिक्षा पर खर्च की गई। स्वास्य सेवाओं पर 1,638 करोड़ रपए खर्च किए गए। कंपनियों ने ‘‘अन्य मामलों’ में 1,782 करोड़ रपए की राशि खर्च की। कुल मिलाकर सीएसआर खर्च के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे अधिक 651 करोड़ रपए खर्च किए। सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने सीएसआर पर 492 करोड़ रपए, ओएनजीसी ने 409 करोड़ रपए, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने 294 करोड़ रपए तथा आईटीसी ने 247.50 करोड़ रपए खर्च किए हैं। प्राइम डाटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का सीएसआर पर खर्च लगभग 41 प्रतिशत तक बढ़ा है।
5.पानगड़िया ने किया जीएसटी की चार दरों का समर्थन:* - पहली अप्रैल, 2017 से प्रस्तावित सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) की दरें तय करने को चल रही कवायद के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने जीएसटी की चार दरें और सेस लगाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। उनका कहना है कि जीएसटी की दरों और सेस से महंगाई को काबू रखने तथा राजस्व की हानि रोकने में मदद मिलेगी।
पानगड़िया ने संवाददाताओं से चार दरें तय करने केंद्र के प्रस्ताव की आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि जीएसटी लागू होने पर किसी एक वस्तु पर देशभर में एक ही टैक्स होगा। इसलिए चार अलग-अलग दरें होने का कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। कर का कोई ऐसा सिद्धांत नहीं है, जिसके आधार पर कहा जा सके कि जीएसटी की एक दर ठीक है या दो सही हैं। जीएसटी की दरें कई होंगी तो इससे देश को फायदा होगा। एक ही दर होने पर न सिर्फ राजस्व हानि की संभावना है, बल्कि इससे महंगाई बढ़ने की आशंका भी है।
जीएसटी के साथ-साथ सेस लगाने के केंद्र के प्रस्ताव पर पानगड़िया ने कहा कि पहले पांच वर्ष तक सेस की राशि का इस्तेमाल रायों को राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिए किया जाएगा। इसके बाद राशि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप रायों में वितरित की जाएगी। केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की 18 व 19 अक्टूबर को हुई बैठक में जीएसटी की चार दरें- 6, 12, 18 और 26 प्रतिशत प्रस्तावित की हैं।
80 लाख करदाता जीएसटीएन में : एक्साइज व सर्विस टैक्स और वैट के कम से कम 80 लाख एसेसी आठ नवंबर तक माइग्रेट करके जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर सकते हैं। इसकी वजह से व्यापारियों के लिए किसी दिक्कत के बिना पहली अप्रैल को जीएसटी लागू होने के बाद भी कारोबार सुचारु रूप से जारी रखने में मदद मिलेगी।

6. सप्तर्षि से बदलेगा पूर्वी भारत का कल* : प्रधानमंत्री ने पांच हजार करोड़ की लागत वाली सात परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास व लोकार्पण किया:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बनारस दौरे में करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सात योजनाओं का शुभारम्भ, शिलान्यास व लोकापर्ण करते हुए कहा कि विकास की सप्तर्षि में पूर्वी भारत की तस्वीर पूरी तरह बदल जायेगी। उन्हें बनारस की जनता ने सांसद चुना है तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि काशी का गौरव व मान सम्मान बढ़ाने में कही से पीछे नहीं रहे श्री मोदी ने कहा कि जिस तरह से सप्तर्षि को देखकर दिशा तय की जाती है ठीक उसी तरह से बनारस में आज की सात योजनाएं देश को नयी दिशा प्रदान करेगी। उन्होंने सिटी गैस वितरण योजना को बनारस में ‘‘ऊर्जा गंगा’ के रुप में परिभाषित किया तथा डाक को बैंकिग सेक्टर में बदलने की भी बात कही। रेल परियोजना का शिलान्यास करने के बाद कहा कि विश्वस्तरीय सुविधाएं यात्रियों को उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास जारी है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी सोमवार को डीरेका ग्राउण्ड में 765/400 केवी जीआईएस वाराणसी विद्युत उपकेन्द्र का राष्ट्र का समर्पण, वाराणसी डाक क्षेत्र का उद्घाटन, डीरेका के विस्तारीकरण परियोजना भाग एक का लोकापर्ण इलाहाबाद-वाराणसी रेल लाइन का दोहरीकरण व विद्युतीकरण परियोजना का शिलान्यास, वाराणसी शहर पर स्मारक डाकटिकटका विमोचन, वाराणसी शहर गैसे वितरणपरियोजना का शिलान्यास तथा पेरिशेबुल कागरे सेन्टर का शिलान्यास करने के बाद उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह अतीत की बात हो गयी जब पूर्वाचल अपने पिछड़ेपन के लिएजाना जाता था लेकिन अब यह क्षेत्र पूरे पूर्वी भारत को विकास को नयी दिशा देगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने काशी में घर-घर डोमेस्टिक गैस की आपूत्तर्ि करने का निर्णय किया है जिसकी आधारशिला आज रख दी गयी है। दो साल के अन्दर काशीवासियों का इसका सीधे लाभ मिलने लगेगा। यह परियोजना काशी की आर्थिक ढ़ांचे को पूरी तरह बदलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिटी गैस वितरण परियोजना से यातायात में व्यापक सुधार होगा, पर्यावरणको भी फायदा होगा। अकेले बनारस में 20 लाख वाहनों को सीएनजी गैस की सुविधा मुहैया होगी। देशके पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा नये आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बनेगा।उन्होंने केन्द्रीय विद्युत परियोजना की र्चचा करते हुए कहा कि देश के आर्थिक विकास में ऊर्जा क्षेत्र का विशिष्टयोगदान है। केन्द्र पूरे देश में पावर सेक्टर को न सिर्फ मजबूती प्रदान करेगी बल्कि क्वालिटी पावर से उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा।

7. दरगाह ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा महिलाओं को दरगाह में प्रवेश की भरी हामी:*- हाजी अली दरगाह में अब महिलाओं को भी मजार तक जाकर जियारत करने की इजाजत होगी। उनके लिए भी दरगाह के दरवाजे खुल जाएंगे। दरगाह ट्रस्ट पुरुषों के समान ही महिलाओं को भी सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार तक जाने की इजाजत देने को राजी हो गया है। सोमवार को दरगाह की ओर से सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी दी गई। दरगाह के वकील गोपाल सुब्रrाण्यम ने कोर्ट को बताया कि इस्लाम में महिलाओं को बराबरी का हक दिया गया है। ट्रस्ट ने इस सिद्धांत को लागू करते हुए महिलाओं को भी दरगाह में प्रवेश देने का प्रस्ताव पारित किया है।
हाजी अली दरगाह ट्रस्ट का इस बात के लिए राजी होना बराबरी के हक की लड़ाई लड़ रहीं महिलाओं की बड़ी जीत है। मुंबई हाई कोर्ट ने महिलाओं को संविधान से मिले बराबरी के हक की बात करते हुए महिलाओं को भी पुरुषों के समान दरगाह में प्रवेश देने का आदेश दिया था। दरगाह ट्रस्ट ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शुरुआती सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि लिंग के आधार पर महिलाओं से भेदभाव नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने दरगाह ट्रस्ट को प्रगतिशील नजरिया अपनाने की सलाह दी थी। इस पर दरगाह ने इस मुद्दे पर योजना पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांग लिया था। इसके बाद सोमवार को मामले की सुनवाई हुई। इसमें दरगाह ने महिलाओं को प्रवेश देने की योजना और प्रस्ताव कोर्ट में पेश किया। दरगाह बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे के साथ नक्शा भी पेश किया गया। इसमें बताया गया है कि किस तरह से महिलाओं को दरगाह में प्रवेश दिया जाएगा।
हालांकि, ट्रस्ट ने कहा है कि दरगाह में महिलाओं को अलग द्वार से प्रवेश मिलेगा, ताकि उन्हें सुविधा हो और व्यवस्था नियंत्रित रखी जा सके। गोपाल सुब्रrाण्यम ने ढांचागत इंतजाम करने के लिए कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगा। इस पर मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वे महिलाओं के प्रवेश का इंतजाम करने के लिए दो की जगह चार सप्ताह का समय ले सकते हैं। लेकिन उन्हें हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक पुरुषों की तरह ही महिलाओं को भी दरगाह में प्रवेश देना होगा। सुब्रrाण्यम द्वारा इस पर सहमति जताने के बाद कोर्ट ने मुंबई हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दरगाह की अपील निपटा दी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अगर किसी पक्ष को कोई शिकायत होती है तो वह फिर आ सकता है।

8. बहरीन से आतंकवाद पर र्चचा*:- भारत ने सोमवार को बहरीन से कहा कि पाकिस्तान की जमीन से उठने वाला आतंकवाद गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है और सीमापार से मिल रहा समर्थन जम्मू-कश्मीर में मौजूदा अशांति की वजह है।गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बहरीन के गृहमंत्री राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा को इस बारे में यहां द्विपक्षीय बैठक में अवगत कराया। बहरीन इस्लामिक कांफ्रेंस के संगठन का महत्वपूर्ण सदस्य है जिसमें कि पाकिस्तान भी एक सदस्य है। खाड़ी देश के तीन दिवसीय दौरे पर आए सिंह ने खलीफा को हिजबुल मुजाहिदीन के मारे गए आतंकी बुरहान वानी का पाकिस्तान द्वारा गुणगान करने और खुले समर्थन के बारे में बताते हुए कहा कि इससे यह संकेत मिलता है कि वहां आतंकी और उनके समर्थक किस आजादी से घूमते फिरते हैं।वानी 8 जुलाई को मुठभेड़ में मारा गया था और उसके बाद से कश्मीर घाटी में अशांति है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ऐसा देश है, जिसने शासन नीति के औजार के तौर पर आतंकवाद के इस्तेमाल को छोड़ने से इंकार किया है। गृहमंत्री ने पाकिस्तानी आतंकवादी बहादुर अली की जुलाई में गिरफ्तारी के मुद्दे को उठाया। उसे एलईटी कैंपों में प्रशिक्षण और हथियार मिले और उसके बाद उसे इन निर्देशों के साथ जम्मू कश्मीर में भेजा गया कि वह सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंकने के लिए भीड़ में घुलमिल जाए। बताया जाता है कि सिंह ने बहरीन के अपने समकक्ष से कहा, चूंकि आतंकवाद को प्रायोजित करने में पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है लिहाजा हमारे लिए पाकिस्तान के आतंकवाद पर नियंतण्रकरने से जुड़े वादों पर विास करने की कोई वजह नहीं है।उल्लेख करते हुए कि जम्मू कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और कोई दखलंदाजी स्वीकार्य नहीं है, सिंह ने कहा कि भारत में केंद्र सरकार के साथ ही जम्मू कश्मीर सरकार और अन्य संबंधित प्राधिकार राज्य में हालात के समाधान में जुटे हुए हैं और स्थानीय आबादी की शिकायतों के निदान के लिए विभिन्न प्रयास किए गए हैं। गृहमंत्री ने उन्हें बताया, जम्मू कश्मीर के लोगों तक पहुंचने के लिए भारत में पूर्ण राजनीतिक सहमति है और इस संबंध में ठोस प्रगति हुई है। सिंह ने खलीफा को पठानकोट एयरबेस आतंकी हमले में जांच में प्रगति की कमी और पाकिस्तान में मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे के बारे में भी बताया। हमने पाकिस्तान से कहा है कि हम आतंकवाद की चुनौती के विभिन्न पहलुओं पर र्चचा को तैयार हैं जो पाकिस्तान की तरफ से हमारी ओर निर्देशित होता है, यह हमारी गंभीर चिंता का कारण है और जम्मू कश्मीर में मौजूदा हालात के केंद्र में है। गृहमंत्री ने बहरीन के युवराज सलमान बिन हमाद अल खलीफा से गुदाईबिया पैलेस में मुलाकात की और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर र्चचा की।
9. वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ-2) की मात्र खतरनाक स्तर तक:*- वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ-2) की मात्र खतरनाक स्तर तक पहुंच चुकी है। विश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) के अनुसार 2015 में इस खतरनाक ग्रीनहाउस गैस की मात्र पहली बार 400 पार्ट्स पर-मिलियन (पीपीएम) की खतरनाक स्तर तक तक पहुंच गई। औद्योगिक क्रांति से पहले की तुलना में यह 44 फीसद ज्यादा है।
संयुक्त राष्ट्र के अधीन आने वाले डब्लूएमओ का कहना है कि सीओ-2 के उत्सर्जन में कटौती शुरू करने के बावजूद इसके दुष्प्रभावों को कम करने में पीढ़ियां गुजर जाएगी। पेरिस और किगाली समझौते के बाद मौजूदा शताब्दी के दूसरे हिस्से में अक्षय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ने और जीवाश्म ईंधन के प्रयोग में कमी आने की उम्मीद जताई गई है। डब्लूएमओ के महासचिव पेट्री टैलेस ने कहा, ‘वर्ष 2015 में पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर सहमति बनने से नए ऐतिहासिक युग की शुरुआत हुई है। यह साल ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा को लेकर भी ऐतिहासिक रहा। अब समझौते के प्रावधानों को अमल में लाने के लिए राजनीतिक इछाशक्ति दिखानी पड़ेगी। दुर्भाग्य से व्यवहार में ऐसा कोई बदलाव नहीं दिखा है।’ हवाई के मौना लोआ स्थित ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक 2016 में भी वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्र 400 पीपीएम तक रहेगी। वर्ष 2060 से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आने का अनुमान है।
डब्लूएमओ के पर्यावरण शोध विभाग की प्रमुख ओक्साना तारासोवा ने बताया कि जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में कमी नहीं आने पर सीओ-2 की मात्र में वृद्धि जारी रहेगी। उनके मुताबिक तकनीक उपलब्ध है, बस इच्छा शक्ति की जरूरत है। अगर हम चाहें तो यह किया जा सकता है। उन्होंने अम्ल वर्षा से बचने के लिए यूरोपीय देशों की दृढ़ता का उदाहरण दिया। इससे बचने के लिए सल्फर और नाइट्रोजन के उत्सर्जन को नियंत्रित किया गया।
10. चीन का स्पेस लैब से माइक्रो सेटेलाइट का प्रक्षेपण:-* चीन ने हाल में ही अंतरिक्ष में स्थापित प्रायोगिक स्पेस लैब तियानगोंग-2 से माइक्रो सेटेलाइट का सफल प्रक्षेपण किया है। 47 किलोग्राम वजनी इस सेटेलाइट की मदद से शेनझाऊ-11 समेत दो अंतरिक्ष यान पर नजर रखी जा सकेगी। तियानगोंग-2 लैब से बुधवार को दो अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक जोड़ा गया था। यहीं से रविवार को स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7.31 बजे बैनक्सिंग-2 नामक माइक्रो सेटेलाइट छोड़ा गया। इसमें 25 मेगापिक्सल का कैमरा और वाइड एंगल इमेजर लगे हैं। मीडिया में इसे सेटेलाइट को सेल्फी स्टिक का नाम दिया गया है। माइक्रो सेटेलाइट इनोवेशन इंस्टीट्यूट के मुख्य इंजीनियर चेन होंग्यू ने बताया कि बैनक्सिंग-2 में इंफ्रारेड कैमरे भी लगे हैं। इससे तापमान के बारे में पता लगाया जा सकेगा। उनके मुताबिक इस सेटेलाइट से अंतरिक्ष यान में आने वाली किसी भी दिक्कत को समय रहते दूर किया जा सकेगा। इसमें सौर पैनल लगे हैं जो इसकी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेंगे। अंतरिक्ष की दुनिया में इसे बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।
11. बिग कॉरपोरेट चेंज :* 30 साल के लिए चेयरमैन चुने गए थे साइरस, चार साल में ही हटाए गए:- टाटाग्रुप ने अपने अब तक के सबसे युवा साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से क्यों हटाया गया? कंपनी ने इसकी कोई भी आधिकारिक वजह नहीं बताई है। बाजार के जानकारों के लिए भी यह मिस्ट्री से कम नहीं है। साइरस को जब चेयरमैन बनाया गया था, तब उनकी योग्यता, विनम्रता के साथ एक बड़ा पक्ष उनकी कम उम्र थी। तब सिलेक्शन कमेटी की प्राथमिकता कम उम्र का चेयरमैन ढूंढ़ना था ताकि वह अगले 30-40 साल तक कंपनी को चला सके। 43 साल के साइरस इस सलेक्शन में फिट बैठे। लेकिन उन्हें चार साल बाद ही हटा दिया गया। हम यहां पांच संभावित कारणों का जिक्र कर रहे हैं जिनसे टाटा संस का बोर्ड मिस्त्री के काम से खुश नहीं था। टाटामोटर्स के शेयरधारकों ने अगस्त 2016 में शिकायत की थी कि उन्हें प्रति शेयर सिर्फ 20 पैसे डिविडेंड दिया गया। तब मिस्त्री ने इस कदम को सही ठहराया था। उन्होंने कहा, अाप सभी से जुटाई पूंजी नए प्रोडक्ट्स में लगा रहे हैं। इस लंबे सफर में कमजोर दिल वालों की जगह नहीं है। समूहकी कंपनियों में क्रॉस ऑनरशिप है। टाटा संस की टाटा मोटर्स या टाटा स्टील में हिस्सेदारी है और इन कंपनियों की एक-दूसरे में हिस्सेदारी है। इससे डाइवर्सिफाइड ग्रुप के रूप में पहचान नहीं बन पा रही। वहीं, टाटा समूह के कार्यप्रणाली में नौकरशाही का दबदबा है। साइरसमिस्त्री के पास अब भी टाटा संस के सबसे अधिक शेयर हैं। बाजार में दुविधा है। राइवलरी से ग्रुप को नुकसान भी हो सकता है। कहा जा रहा है कि साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के पीछे नोएल टाटा हैं।
टाटा संस के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटाने की खबर शेयर बाजार को चौंका सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत मिस्त्री के कार्यकाल में 515 फीसदी तक बढ़ी है। ऐसे में बाजार निराश तो होगा ही, अनिश्चितता भी पैदा हो सकती है। मंगलवार के कारोबार में टाटा ग्रुप की कंपनियों पर निगेटिव असर दिख सकता है। बीएनपी-पारिबा के गौरांग शाह के मुताबिक समूह की जिन कंपनियों पर बुरी खबरों का असर पहले ही दिख रहा है उन कंपनियों के शेयरों पर ज्यादा मार पड़ सकती है। बाजार की चाल भी थोड़ी निगेटिव रह सकती है।
आईडीबीआई कैपिटल के रिसर्च हेड एके प्रभाकर कहते हैं कि यह खबर बाजार को झटका देने वाली है। साइरस चीजों को अलग तरह से हैंडल कर रहे थे। वह टाटा समूह के नॉन कोर बिजनेस को बेचकर समूह के कारोबार को कन्सॉलिडेट कर रहे थे। उनका ध्यान कम मुनाफे वाले कारोबार से बाहर निकलकर ऊंचे मुनाफे वाले कारोबार पर केंद्रित करना था। टाटा समूह इंसान के तौर पर अच्छे हैं, लेकिन बिजनेस साइकिल के साथ तालमेल बैठाने में थोड़ा पीछे हैं। बाजार में इस घटनाक्रम का नी-जर्क रिएक्शन दिख सकता है |


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